शुक्रवार, 20 मई 2011

Maa

माँ तू ही तू 
कुछ नहीं होगा तो भी आँचल में छुपा लेगी .
माँ कभी सर पे खुली छत नहीं रहने देगी .

देखा नहीं उसको कभी भगवान की सूरत क्या होगी 
ए माँ तुझसे बदकर भगवान की सूरत क्या होगी ..
ये तो सच है के भगवान है, है मगर फिरभी भी अनजान है. 
धरती पे रूप माँ बाप का उस विधाता की पहचान है.

Nice thime nice looke

Chand mita nahi sab ko Sansaar me,
Hai Diya hi Bahut ROSHANI ke liyen.